ब्रिटेन की जनता ने ऐतिहासिक फैसले में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में मतदान किया है। इसके साथ ही 28 देशों वाले यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन अलग हो जाएगा। 43 साल बाद हुए इस ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन की जनता ने मामूली अंतर से ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग करने के पक्ष में वोट किया है।
एनएसजी (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) में शामिल होने की भारत की कोशिशों को एक और झटका लगा है। चीन के बाद स्विट्जरलैंड ने भी 48 देशों के इस समूह में भारत को शामिल करने का विरोध किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि स्विट्जरलैंड अपने पहले के रुख से पलट गया है। इस महीने की शुरुआत में ही पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान स्विट्जरलैंड ने NSG में भारत की मेंबरशिप को समर्थन देने की घोषणा की थी।
ब्रेग्जिट को बढ़त के रुझान सामने आते ही ब्रिटिश पाउंड 31 साल के अपने निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के ही संकेत मिल रहे थे। ऐसे में यह ब्रेग्जिट के पक्ष में रुझान जाना फाइनैंशल मार्केट्स के लिए शुभ संकेत नहीं है।
गृह मंत्रालय NSG सुरक्षा पाने वाली राजनैतिक हस्तियों के नामों की समीक्षा कर रहा है। संभावना है कि अखिलेश यादव, लालू यादव, करुणानिधि और तरुण गोगोई से NSG सुरक्षा वापस ले ली जाएगी। अखिलेश को इसके बाद अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के घेरे में लाने की संंभावना है।
अगले 3-4 दिनों में मॉनसून के दिल्ली पहुंचने की संभावना है। पहले इसके लिए 28 जून की तारीख बताई गई थी, लेकिन अब बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव क्षेत्र के कारण यह समय से 1-2 दिन पहले ही दिल्ली पहुंच जाएगा।
ब्रिटेन की जनता के यूरोपियन यूनियन छोड़ने के फैसले पर मुहर लगाने की खबर से दुनिया भर के बाजारों में हाहाकार मच गया है। भारतीय मार्केट में भी इसकी जोरदार हलचल देखने को मिली है। सेंसेक्स 940 अंकों की गिरावट के साथ 26062.15 पर खुला, जबकि निफ्टी में भी 300 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई है।
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