पठानकोट आतंकी हमले में कुछ जाबांज जवानों की कहानी आप पढ़ चुके हैं। यह कहानी शायद आपने नहीं सुनी, लेकिन निश्चित तौर पर यह कहानी आपको फिर गौरवान्वित कर देगी। गरुड़ कमांडो शैलभ गौर छह गोलियां लगने के बावजूद आतंकियों पर गोलियां बरसाते रहे और अब आईसीयू में हैं।
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