शर्मा जी : आपके घर से रोज हंसी की आवाज़ें आती हैं, इस खुशहाल ज़िंदगी का क्या राज है?
वर्मा जी : मेरी बीवी मुझे जूतों से मारती है
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लग जाएं तो वह हंसती है, ना लगे तो मैं हंसता हूं।
भगवान की कृपा है हंसी-खुशी जिंदगी गुजर रही है।
-अर्चना सिंह, दिल्ली
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