Friday, October 23, 2015

नवभारत टाइम्स - आज का सुपरहिट जोक

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हंसी-मज़ाक October 24, 2015
हर अच्छी लगने वाली चीज

जरूरी नहीं कि हर अच्छी लगने वाली चीज समझ में भी आए।

जैसे, 'जिहाल-ए -मस्ती मुकुन बरंजिश, बेहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है।'

सिद्धार्थ, दिल्ली
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